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Yes, I Am Guilty Athava Atmakatha
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काव्य रचना वही कर पाता है, जो संवेदनशील हो और प्रकृति प्रदत्त हर वस्तु, प्राणिमात्र क&#2375…
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Yes, I Am Guilty Athava Atmakatha (e-book) (used book) | bookbook.eu

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Description

काव्य रचना वही कर पाता है, जो संवेदनशील हो और प्रकृति प्रदत्त हर वस्तु, प्राणिमात्र के स्पर्श और उसकी मूक-वाचाल भाषा को समझता हो और इस काव्य संग्रह में प्रकाशित प्रत्येक रचना इस सोच पर खरी उतरती हैं। युवा रचनाकार मुकेश सिंह एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। उनकी कविताएं ह्रदय को छूती हैं। इस काव्य संग्रह में देशभक्ति, सामाजिक, और बाल रचनाओं के साथ साथ रोमांटिक तथा भावनात्मक कविताएँ भी सन्निविष्ट की गई हैं. 'एक नया भारत बनाते हैं', तू पार्थ बन, पुलिसवाले, अछूत, बन जा तू ज्वाला जैसी 40 से अधिक रचनाओं का यह संग्रह प्रत्येक वर्ग और आयु के पाठकों को बांधे रखती है. प्रस्तुत काव्य संग्रह की पूरी 40 की 40 कविताएँ एक नये समाज के निर्माण में नींव के पत्थर की भूमिका निभाती नजर आती है. अतः यह कहा जा सकता है कि प्रस्तुत काव्य संग्रह शब्दों की धार में साहित्य जगत के समालोचकों के साथ ही आम पाठकों को भी बहुत कुछ मिलेगा।

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काव्य रचना वही कर पाता है, जो संवेदनशील हो और प्रकृति प्रदत्त हर वस्तु, प्राणिमात्र के स्पर्श और उसकी मूक-वाचाल भाषा को समझता हो और इस काव्य संग्रह में प्रकाशित प्रत्येक रचना इस सोच पर खरी उतरती हैं। युवा रचनाकार मुकेश सिंह एक संवेदनशील व्यक्ति हैं। उनकी कविताएं ह्रदय को छूती हैं। इस काव्य संग्रह में देशभक्ति, सामाजिक, और बाल रचनाओं के साथ साथ रोमांटिक तथा भावनात्मक कविताएँ भी सन्निविष्ट की गई हैं. 'एक नया भारत बनाते हैं', तू पार्थ बन, पुलिसवाले, अछूत, बन जा तू ज्वाला जैसी 40 से अधिक रचनाओं का यह संग्रह प्रत्येक वर्ग और आयु के पाठकों को बांधे रखती है. प्रस्तुत काव्य संग्रह की पूरी 40 की 40 कविताएँ एक नये समाज के निर्माण में नींव के पत्थर की भूमिका निभाती नजर आती है. अतः यह कहा जा सकता है कि प्रस्तुत काव्य संग्रह शब्दों की धार में साहित्य जगत के समालोचकों के साथ ही आम पाठकों को भी बहुत कुछ मिलेगा।

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