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Saki Tu Pila De Aaj
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साकी़ तू पिला दे आज"" कविता ना मेरी और ना ही आपके बारे में है, यह हर उस शख्स के बारे में है ज&#23…
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Saki Tu Pila De Aaj (e-book) (used book) | Dheeraj Agrawal | bookbook.eu

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साकी़ तू पिला दे आज"" कविता ना मेरी और ना ही आपके बारे में है, यह हर उस शख्स के बारे में है जिसने कभी ना कभी मधुपान किया हो या करने की कोशिश कर रहा हो और कर नहीं पा रहा हो। उसके मन का डर भी इस कविता में सहेजा गया है। मधु के विषय में गहनता से बहुत बार लिखा गया है एवं अलग अलग अंदाज में इसकी व्याख्या की गई है परंतु इतनी सरल एवं सहज भाषा में, कविता के रूप में शायद यह पहली बार लिखा जा रहा है। इस कविता के अंदर मधु लेने से पहले और उसके अंतिम चरण तक पहुंचने की प्रक्रिया को आम आदमी की भाषा में कविता के रूप में बताया गया है। हाला का रसपान करने से व्यक्ति के विचारों का प्रभाव किस तरह बहता है उसको कविता के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत किया है। यह कुछ पंक्तियां भी इस कविता का हिस्सा है। द्वार नरक के खुल्ले रखना जब भी आऊँ तेरे द्वारे बस संग में रहने देना मेरी मदिरा और प्याले तुझसे ना कोई शिकवा होगी होगी संग साकी़ बाला नर्क में होगा स्वर्ग का वास साकी़ तू पिला दे आज

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साकी़ तू पिला दे आज"" कविता ना मेरी और ना ही आपके बारे में है, यह हर उस शख्स के बारे में है जिसने कभी ना कभी मधुपान किया हो या करने की कोशिश कर रहा हो और कर नहीं पा रहा हो। उसके मन का डर भी इस कविता में सहेजा गया है। मधु के विषय में गहनता से बहुत बार लिखा गया है एवं अलग अलग अंदाज में इसकी व्याख्या की गई है परंतु इतनी सरल एवं सहज भाषा में, कविता के रूप में शायद यह पहली बार लिखा जा रहा है। इस कविता के अंदर मधु लेने से पहले और उसके अंतिम चरण तक पहुंचने की प्रक्रिया को आम आदमी की भाषा में कविता के रूप में बताया गया है। हाला का रसपान करने से व्यक्ति के विचारों का प्रभाव किस तरह बहता है उसको कविता के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत किया है। यह कुछ पंक्तियां भी इस कविता का हिस्सा है। द्वार नरक के खुल्ले रखना जब भी आऊँ तेरे द्वारे बस संग में रहने देना मेरी मदिरा और प्याले तुझसे ना कोई शिकवा होगी होगी संग साकी़ बाला नर्क में होगा स्वर्ग का वास साकी़ तू पिला दे आज

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